कलयुग के बढ़ने के साथ, मानव समाज में ईर्ष्या, लालच और नकारात्मक सोच तेजी से बढ़ रही है। यह नकारात्मक ऊर्जा कई रूपों में प्रकट होती है, और काला जादू इसी का एक घातक पहलू है, जो हर धर्म और समाज में फैला हुआ है। काला जादू एक दुर्भावनापूर्ण प्रक्रिया है जिसमें व्यक्ति या वस्तु पर नकारात्मक ऊर्जा डालकर उसे नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया जाता है। यह उन लोगों द्वारा किया जाता है जो दूसरों की उन्नति और खुशी को बर्दाश्त नहीं कर सकते।
इस नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव अक्सर हमारे मन, शरीर और आसपास के वातावरण पर पड़ता है। इसी कारण, प्राचीन शास्त्रों में हमें नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा के उपाय सुझाए गए हैं। श्रीयंत्र, जो एक दिव्य और वैज्ञानिक रूप से संरचित यंत्र है, का नियमित पूजन और साधना व्यक्ति के आभामंडल (Aura) की सुरक्षा करता है और उसे नकारात्मक शक्तियों से बचाता है।
श्रीयंत्र और आभामंडल (Aura)
श्री यंत्र की संरचना ऐसी होती है कि यह सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है और नकारात्मक शक्तियों को दूर रखता है। आभामंडल (Aura), जिसे हमारे वेदों में ‘दिव्य कान्ति वलय’ भी कहा है, एक व्यक्ति के चारों ओर फैली दिव्य ऊर्जा होती है, जो उसकी मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक स्थिति को प्रतिबिंबित करती है।
ऋग्वेद में भी इसका उल्लेख मिलता है, जहाँ इसे दिव्य प्रकाश का घेरा कहा गया है। यदि किसी व्यक्ति का आभामंडल शक्तिशाली और शुद्ध हो, तो वह बाहरी नकारात्मक प्रभावों से सुरक्षित रहता है। परंतु जब आभामंडल कमजोर हो जाता है, तब व्यक्ति नकारात्मक ऊर्जाओं का शिकार हो सकता है, जिससे उसके जीवन में अवरोध, अशांति, और बीमारियाँ उत्पन्न हो सकती हैं।
श्रीयंत्र पूजन द्वारा आभामंडल की सुरक्षा
श्रीयंत्र की पूजा और साधना करने से न केवल हमारा आभामंडल शक्तिशाली होता है, बल्कि हमारे आसपास के वातावरण में भी शांति और सकारात्मकता का संचार होता है। एक सटीक रूप से निर्मित और पूजित श्रीयंत्र हमारे जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है, जैसे:
– नकारात्मक ऊर्जाओं से बचाव: श्रीयंत्र साधना व्यक्ति को काला जादू और बुरी नजर से बचाता है।
– शत्रुओं से सुरक्षा: यह हमें शत्रुओं के प्रहार और शैतानी शक्तियों से बचाता है।
– परिवार और संपत्ति की सुरक्षा: परिवार और घर को नकारात्मक प्रभावों से सुरक्षित रखता है।
– धन, समृद्धि का आगमन: श्रीयंत्र साधना से जीवन में धन और समृद्धि का आगमन होता है।
– आध्यात्मिक उन्नति: श्रीयंत्र हमारे मन और बुद्धि को शुद्ध करता है, जिससे सर्वांग उन्नति होती है।
– स्वास्थ्य की रक्षा: श्रीयंत्र साधना से शारीरिक – मानसिक बीमारियों से सुरक्षा मिलती है और संपूर्ण स्वास्थ्य में सुधार होता है।
काला जादू और नकारात्मक ऊर्जा के लक्षण
काला जादू के प्रभावों को पहचानने के लिए कुछ लक्षण हैं. जिनसे सतर्क रहना आवश्यक है:
– जीवन में अवरोध और थकान: अचानक जीवन में सभी प्रकार के अवरोध और बिना किसी कारण के थकान महसूस होना।
– असामान्य शारीरिक अनुभव: शरीर पर घाव या चोट के निशान होना, जो बिना किसी कारण के हो सकते हैं।
– दिमागी और भावनात्मक असंतुलन: अत्यधिक डर, क्रोध, चिंता या आत्महत्या के विचार आना।
– अस्वाभाविक घटनाएँ: घर या कार्यालय में अचानक से नकारात्मक घटनाएँ बढ़ना।
आध्यात्मिक सुरक्षा के लिए श्रीयंत्र साधना
यदि आपको इन लक्षणों का अनुभव हो रहा है, तो इसका एक प्रभावी समाधान श्रीयंत्र ही है। यह आपके आभामंडल को शक्ति प्रदान करता है और नकारात्मक ऊर्जाओं का शमन करता है। साथ ही, आपकी आध्यात्मिक ऊर्जा को बढ़ाकर आपके जीवन में शांति, समृद्धि और सफलता लाता है।
निष्कर्ष:
श्रीयंत्र की साधना एक प्राचीन विधि है जो हमारे जीवन को नकारात्मक ऊर्जाओं से मुक्त कर सकारात्मकता और शांति से भर देती है। यह केवल नकारात्मक प्रभावों से सुरक्षा ही नहीं, बल्कि जीवन की हर दिशा में उन्नति प्रदान करती है।
Content by: Life Coach Team